माथे का पसीना – Hindi Story

Hindi Story: एक आदमी था जिसका नाम गगन था ! उसको कोई काम करने का मन नहीं करता था इसलिए वह कुछ नहीं करता था !गगन को कुछ भी अच्छा नहीं लगता था !

वह पूरा दिन यूँही बिता देता था धीरे धीरे गगन बहुत आलसी हो गया वह हर समय बस आराम ही करता था जिस वजह से गगन बहुत दुखी और बीमार होने लगा !

लोगों ने उसे वैध जी के पास जाने की सलाह दी गगन को भी यह सही लगा उसने सोचा की मुझे वेध जी के पास जाना चाहिए अब वही मेरा इलाज कर सकते हैं !

कई दिन तक गगन जाने की सोचता रहा लेकिन उसका मन कही जाने और कुछ करने का नही होता जब हालात बहुत ख़राब हो गए तो एक दिन गगन को वैध जी के पास जाना पड़ा !

जब गगन वैध जी के पास पंहुचा और वेध जी को पूरी बात बताई ! वेध जी भी समझ गए कि यह बहुत बड़ा आलसी है वेध जी ने गगन को तीस पुड़िया दी !

जिनमे कोई चीज का पिसा हुआ चूर्ण था ! वेध जी ने कहा कि ये तीस पुढिया तुम्हे एक महीने के लिए दे रहा हु हर दिन शाम के समय तुम्हे ये अपने माथे पे वो भी माथे के ही पसीने से लेप लगाना है एक महीने में ही तुम खुद को स्वस्थ महसूस करोगे !

गगन वेध जी को धन्यवाद देते हुए घर लौट आया अब गगन सोच रहा था कि माथे पे कैसे ये लैप लगाया जाये माथे पे पसीना लाने के लिए मुझे कुछ करना पड़ेगा !

अब वह थोड़ा बहुत काम करने लगता है जिससे उसके माथे पे शाम तक पसीना आ जाता था ! वक़्त बीतता गया अब वह बहुत काम कर लेता था और हर दिन माथे पे लैप लगता था जिससे गगन स्वस्थ होने लगा था और अब गगन बहुत मेहनती भी हो गया था अब उसे काम करना अच्छा भी लगने लगा था !

एक महीने में ही गगन पूरी तरीके से स्वश्थ हो गया और अब वह पूरा दिन काम में व्यस्त रहता था और अब गगन खुश भी रहने लगा वह सभी काम मन से करता था !

एक महीना बीतते ही गगन फिर से वेध जी के पास जाता है वेध जी गगन को देखकर बहुत खुश हो जाते है क्यूंकि अब गगन पहले से कई ज्यादा बेहतर लग रहा था ! गगन वेध जी को धन्यवाद् देता है और कहता है की वेद जी तुम्हारी दी हुई दवाई से तो मै बिलकुल स्वस्थ हो गया हूँ !

इसपर वेध जी हँसते हुए कहते है की गगन तुम मेरी दवाई की वजह से नहीं बल्कि खुद की वजह से सही हुये हो मेने तुम्हे कोई दवाई नहीं दी थी !

गगन हैरान हो के पूछता है की वेद जी तो जो आपने लैप लगाने को दिया था वो किआ था क्या वह कोई दवाई नहीं थी फिर मैं कैसे ठीक हुआ ?

इसपर वेध जी गगन को बताते हैं कि वह तो केवल कुछ साधारण सी जड़ी बूटियों का चूर्ण था ! तुम्हारे स्वस्थ होने का कारण तुम्हारे माथे का पसीना था !जिसके लिए तुम्हे बहुत मेहनत करनी पड़ी थी !यदि मै तुम्हे कोई दवाई देता तो तुम शायद ही ठीक हो पाते इसलिए मेने तुम्हे लेप माथे के पसीने में लगने को दिया था ताकि तुम मेहनत करो ! क्योंकि आलास इंसान को बीमार कर देता है और व्यक्ति को निक्कम्मा बना देता है !