यह कहानी एक आलसी बंदर रिक्कू की है, जो एक जंगल में रहता था और सिर्फ फलदार पेड़ों पर ही रहता था। वह बहुत आलसी था और अकेले ही रहता था। लेकिन जब जंगल में आग लगी, तो उसके साथी जानवरों ने उसकी मदद की और रिक्कू ने अपनी गलतियों का अहसास किया। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि साथीता और मदद करना हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।
रिक्कू, आलसी बंदर
एक जंगल था और उसमें एक मोटा बंदर रहता था, जिसका नाम रिक्कू था। रिक्कू बहुत आलसी था और मेहनत करना उसको बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वह सिर्फ वोही पेड़ों पर रहता था जो फलदार होते थे, और उसकी तनाशाही के कारण दूसरे जानवर उसके पास नहीं आना चाहते थे। रिक्कू हमेशा अकेला रहता था।
रिक्कू की तानाशाही
रिक्कू की आलसी आदतें उसे बहुत ही असाहनीय बना देती थी। वह हमेशा उन पेड़ों का कब्जा कर लेता था जो फलदार होते थे, जिससे दूसरे बंदरों और जानवरों को खाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। इसलिए सभी जानवर उससे दूर ही रहते थे, क्योंकि रिक्कू किसी से मिल जुल के नहीं रहना चाहता था।
बूढ़े बंदर की मदद की पुकार
एक दिन, एक बूढ़ा बंदर जो दूसरे जंगल से आ रहा था, रिक्कू से मिला। बूढ़े बंदर भूखा था और उसने रिक्कू से कहा, “मैं बहुत भूखा हूँ, क्या तुम मुझे कुछ खाने को दे सकते हो? कृपया मेरी मदद करो, मैं बहुत भूखा हूँ।”
रिक्कू बूढ़े बंदर की मदद के लिए अनसुना कर रहा था। बूढ़े बंदर बार-बार मदद मांग रहा था, जिससे रिक्कू को गुस्सा आया। उसने बूढ़े बंदर को खाना नहीं दिया, बल्कि उसे पेड़ से धक्का दे दिया!
अच्छे जानवरों की मदद
पास के पेड़ पर दो बन्दर थे, जो ये सब घटना देख रहे थे। उन्होंने बूढ़े बंदर को गिरने से बचाया और रिक्कू को खरी खोटी सुनाई। इससे रिक्कू ने उन सब को वहाँ से चले जाने को कहा और दुबारा वह न आने को कहा।
जंगल की आग और सबका सहारा
वक्त बीतता गया और एक दिन जंगल में एक आग लग गई। सभी जानवर भागने लग गए, और जंगल में अफरा-तफरी मच गई। सभी जानवर अपने अपनों की मदद कर रहे थे, पर रिक्कू अकेले ही एक जगह पड़ा हुआ था।
रिक्कू का सहारा
दूसरे जानवर भी आज उसकी मदद नहीं करना चाहते थे, क्योंकि उसका ब्यवहार किसी को पसंद नहीं था। लेकिन उन सभी के बीच कुछ समझदार जानवर भी थे जो समझते थे कि चाहे रिक्कू कितना भी बुरा क्यों न हो, वह हमारे परिवार का ही सदस्य है। वे सभी को बहुत समझाते थे और सभी की मदद करने को कहते थे। सभी जानवर उनकी बात मानते थे और रिक्कू की मदद करते थे। उन्होंने रिक्कू को भी अपने साथ दूसरे जंगल ले जाते हैं और जब तक रिक्कू स्वस्थ नहीं होता, सभी जानवर उसकी देखभाल करते।
रिक्कू का सफल परिवर्तन
इतने वक्त में रिक्कू को अपनी गलतियों का अहसास हो जाता है और परिवार की कीमत है। रिक्कू समझ जाता है कि अब वह सभी के साथ मिलकर रहना चाहता है।
सिख – एक साथ रहने का महत्व
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें दूसरों की मदद करने में होनी चाहिए, चाहे वह किसी के साथ बुरा व्यवहार करता हो या नहीं। अकेलापन से बचने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं और एक-दूसरे की मदद करना हम सभी के लिए जरूरी है।